/mayapuri/media/media_files/2025/07/21/geeta-dutt-death-anniversary-2025-07-21-14-13-55.jpeg)
फ़िल्म जगत में गीता दत्त के नाम से मशहूर गीता घोष राय चौधरी का जन्म 23 नवंबर 1930 को फरीदपुर शहर में हुआ। जब वे महज 12 वर्ष की थी तब उनका पूरा परिवार बांग्लादेश में फरीदपुर से मुंबई आ गया। उनके पिता जमींदार थे। बचपन के दिनों से ही गीता दत्त का रूझान संगीत की ओर था और वह पार्श्वगायिका बनना चाहती थी। गीता दत्त ने अपनी संगीत की प्रारंभिक शिक्षा हनुमान प्रसाद से हासिल की। कालजयी फ़िल्म ‘प्यासा’ के अंत में इस फ़िल्म के गीतों को स्वर देने वाली पार्श्वगायिका गीता दत्त के पति प्रसिद्ध अभिनेता, निर्माता-निर्देशक गुरु दत्त थे।
गीता दत्त के 50 गाने:
/filters:format(webp)/mayapuri/media/media_files/2025/07/28/geeta-dutt-2025-07-28-17-30-53.jpeg)
/mayapuri/media/post_attachments/7a823b2fc16a9ed09064f518ded663784fd75ec30bc435f46faa97e37f08b814.jpg)
गीता दत्त को सबसे पहले वर्ष 1946 में फ़िल्म 'भक्त प्रहलाद' के लिए गाने का मौका मिला। गीता दत्त ने 'कश्मीर की कली', रसीली, सर्कस किंग (1946) जैसी कुछ फ़िल्मो के लिए भी गीत गाए लेकिन इनमें से कोई भी बॉक्स आफिस पर सफल नहीं हुई। इस बीच उनकी मुलाकात महान संगीतकार एस. डी. बर्मन से हुई। गीता राय में एस. डी. बर्मन को फ़िल्म इंडस्ट्री का उभरता हुआ सितारा दिखाई दिया और उन्होंने गीता दत्त से अपनी अगली फ़िल्म 'दो भाई' के लिए गाने की पेशकश की। वर्ष 1947 में प्रदर्शित फ़िल्म 'दो भाई' गीता दत्त के सिने कैरियर की अहम फ़िल्म साबित हुई और इस फ़िल्म में उनका गाया यह गीत 'मेरा सुंदर सपना बीत गया' लोगों के बीच काफ़ी लोकप्रिय हुआ। फ़िल्म 'दो भाई' में अपने गाये इस गीत की कामयाबी की बाद बतौर पार्श्वगायिका गीतादत्त अपनी पहचान बनाने में सफल हो गई।
/mayapuri/media/post_attachments/b19aa4fb1dfe2635c51c7dbacdf4e2d2a10363b7368a53385c773673d05000df.jpg)
वर्ष 1951 गीता दत्त के सिने कॅरियर के साथ ही व्यक्तिगत जीवन में भी एक नया मोड़ लेकर आया। फ़िल्म 'बाजी' के निर्माण के दौरान उनकी मुलाकात निर्देशक गुरुदत्त से हुई। फ़िल्म के एक गाने 'तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले' की रिर्काडिंग के दौरान गीता दत्त को देख गुरुदत्त मोहित हो गए। इसके बाद गीता दत्त भी गुरुदत्त से प्यार करने लगी। वर्ष 1953 में गीता दत्त ने गुरुदत्त से शादी कर ली। इसके साथ ही फ़िल्म बाजी की सफलता ने गीता दत्त की तकदीर बना दी और बतौर पार्श्व गायिका वह फ़िल्म इंडस्ट्री में स्थापित हो गई।
/mayapuri/media/post_attachments/3d8b99eef0dd23673f4a6c683826fa2c9bae89c8b6e1a25986aa66de31319046.jpg)
दिलों की गहराई तक उतर जाने वाली आवाज़ और गाने के दिलकश अंदाज़ की मलिका गीता दत्त भारतीय फ़िल्म संगीत में पश्चिमी प्रभाव की पहचान थी और वह ऐसी फनकार थी जिन्हें हर तरह के गीत गाने में महारत हासिल थी। गीता दत्त की जादुई आवाज़ सबसे पहले ‘जोगन’ में सुनने को मिली। इस फ़िल्म में उन्होंने मीरा के आर्त्तनाद को उंडेलकर श्रोताओं को विरही बना दिया है। वे खुलकर गाती हैं- ‘मैं तो गिरधर के घर जाऊँ। घूँघट के पट खोल रे तोहे पिया मिलेंगे।‘ और गीता के पिया उससे नौ साल पहले चले गए। वे गाती रहीं - ‘जोगी मत जा, मत जा...।‘ गीता दत्त ने गुरुदत्त की फ़िल्मों में क्या खूब गाया है। गले से नहीं, एकदम दिल से। उनके मन की बेचैनी तथा छटपटाहट एक-एक शब्द से रिसती मिलती है। फ़िल्म चाहे ‘बाजी’ हो या ‘आरपार’, ‘सीआईडी’ हो या ‘प्यासा’, ‘कागज के फूल’ हो या ‘चौदहवीं का चाँद’ उनके स्वर की विविधता का कायल हो जाता है श्रोता। ‘तदबीर से बिगड़ी हुई तकदीर बना ले’ (बाजी), ‘बाबूजी धीरे चलना, प्यार में जरा संभलना...हाँ बड़े धोखे हैं इस प्यार में’। सचमुच उन्होंने प्यार में धोखा खाया। फिर भी गाती रहीं - 'ये लो मैं हारी पिया, हुई तेरी जीत रे।'
/mayapuri/media/post_attachments/1e40598f836555a96f15dc67e4a4c23f6f3afdf948ba6d3785c0772494963040.jpg)
‘साहिब बीबी और ग़ुलाम’ फ़िल्म भले ही छोटी बहू यानी कि मीना कुमारी की फ़िल्म रही हो, लेकिन छोटी बहू का दर्द, शिकायत, अकेलेपन की पीड़ा, पति की बेवफाई को गीता की आवाज़ ने परदे पर ऐसा उतारा कि मीना अमर हो गईं। ‘न जाओ सैंया, छुड़ा के बैंया, कसम तुम्हारी मैं रो पड़ूँगी।‘ और मीना के साथ सिनेमाघर के अँधेरे में डूबे हजारों दर्शक रोए। गीता दत्त ने हर तरह के गाने गाए हैं। फ़िल्म ‘बाजी’ के गीत ‘जरा सामने आ, जरा आँख मिला’ में श्रोताओं को उन्मादी स्वर मिलते हैं। ‘भाई-भाई’ का गीत ‘ऐ दिल मुझे बता दे, तू किसपे आ गया है’ सुनकर मन प्रेम की सफलता से भर जाता है। ‘प्यासा’ की गुलाबो का जीवन संगीत सुनकर मन अतृप्त प्यास में खो जाता है- ‘आज सजन मोहे अंग लगा ले, जनम सफल हो जाए।‘ लेकिन गीता ने जिन्दगीभर जिन्दगी का जहर पिया- ‘कैसे कोई जिए, जहर है जिन्दगी।‘ वह शराब का जहर रोजाना गले के नीचे उतारती रहीं और एक दिन सबको अकेला छोड़कर चली गईं।
/mayapuri/media/post_attachments/663efe994a2394324009487a3329a33c31129a03b42aeb7310df094cd941eb39.jpeg)
वर्ष 1957 मे गीता दत्त और गुरुदत्त की विवाहित ज़िंदगी मे दरार आ गई। गुरुदत्त ने गीता दत्त के काम में दख़ल देना शुरू कर दिया। वह चाहते थे गीता दत्त केवल उनकी बनाई फ़िल्म के लिए ही गीत गाये। काम में प्रति समर्पित गीता दत्त तो पहले इस बात के लिये राजी नहीं हुयी लेकिन बाद में गीता दत्त ने किस्मत से समझौता करना ही बेहतर समझा। धीरे-धीरे अन्य निर्माता निर्देशको ने गीता दत्त से किनारा करना शुरू कर दिया। कुछ दिनों के बाद गीता दत्त अपने पति गुरुदत्त के बढ़ते दख़ल को बर्दाशत न कर सकी और उसने गुरुदत्त से अलग रहने का निर्णय कर लिया। इस बात की एक मुख्य वजह यह भी रही कि उस समय गुरुदत्त का नाम अभिनेत्री वहीदा रहमान के साथ भी जोड़ा जा रहा था जिसे गीता दत्त सहन नहीं कर सकीं। गीता दत्त से जुदाई के बाद गुरुदत्त टूट से गये और उन्होंने अपने आप को शराब के नशे मे डूबो दिया। 10 अक्तूबर 1964 को अत्यधिक मात्रा मे नींद की गोलियां लेने के कारण गुरुदत्त इस दुनियां को छोड़कर चले गए। गुरुदत्त की मौत के बाद गीता दत्त को गहरा सदमा पहुंचा और उसने भी अपने आप को नशे में डुबो दिया।
/mayapuri/media/post_attachments/70391b6b441148c6c3a6d2a814c347870ea6a2e2bc07bf2f38aeae3c2892c5f6.jpg)
हिन्दी के अलावे गीता दत्त ने कई बांग्ला फ़िल्मों के लिए भी गाने गाए। इनमें तुमी जो आमार (हरनो सुर-1957), निशि रात बाका चांद (पृथ्वी आमार छाया-1957), दूरे तुमी आज (इंद्राणी-1958), एई सुंदर स्वर्णलिपि संध्या (हॉस्पिटल-1960), आमी सुनचि तुमारी गान (स्वरलिपि-1961) जैसे गीत श्रोताओं के बीच आज भी लोकप्रिय है।
/mayapuri/media/post_attachments/f63e126793e6cbb1e092812162682d2ccdabbf23cfc5a53107bb137b3740c1b1.jpg)
सत्तर के दशक में गीता दत्त की तबीयत खराब रहने लगी और उन्होंने एक बार फिर से गीत गाना कम कर दिया। लगभग तीन दशक तक अपनी आवाज़ से श्रोताओं को मदहोश करने वाली पार्श्वगायिका गीता दत्त ने अंतत: 20 जुलाई 1972 को इस दुनिया से विदाई ले ली।
/mayapuri/media/post_attachments/2e30e816d2cd4001500fd85c4487cefffd6d5bed8ea911761daf8c6f0c90168e.jpg)
/mayapuri/media/post_attachments/f410e33b8689b5dfaf7ebfc09484637589cd5935eca8abdf18353e0a14b30cf4.png)
/mayapuri/media/post_attachments/93873f5caa75dc5426e97b8a5ff0d76fbe3a42f95d152b88fde155fc3d37551d.png)
Read More
Ahaan Panday और Aneet Padda ने क्यों नहीं किया Saiyaara का प्रचार, Mohit Suri ने दिया जवाब
Tags : birthday special Geeta Dutt | guru dutt wife geeta dutt | happy birthday Geeta Dutt | Indian playback singer Geeta Dutt | Indian singer Geeta Dutt | singer Geeta Dutt
Follow Us
/mayapuri/media/media_files/2025/10/03/cover-2661-2025-10-03-18-55-14.png)